दो हजार के नोटों को सादर श्रद्धांजलि-21-May-2023
प्रतियोगिता
दिनांक:- 21 मई २०२३
विषय:- स्वैच्छिक
वीिधा:- दोहा
शीर्षक:- दो हजार के नोटों को सादर श्रद्धांजलि
झट आये झट चल दिये,
मुलाकात ना भेट।
केवल धनपति हेतु ही,
खुले आपके गेट।।1।।
तुझ पर रोऊँ या हंसूँ,
करूँ मै कैसे याद।
तूने तो मेरी कभी,
सुनी नहीं फरयाद।।2।।
इतनी छोटी उम्र ले,
क्यों आये श्री मान।
दर्श दिये बिन कर गये,
जग प्रभु प्रस्थान।।3।।
संग संग आये जगत में,
हरे गुलाबी नोट।
गये गुलाबी बीच में,
थी क्या उसमें खोट।।4।।
जग में फिर आना प्रभु ,
धर कर कोई भेष।
अपने शिष्य विनोदी पर,
करना कृपा विशेष।।5।।
विनोदी महाराजपुर
sunanda
23-May-2023 02:20 PM
nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-May-2023 07:45 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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ऋषभ दिव्येन्द्र
21-May-2023 01:02 PM
वाह कमाल के दोहे बने हैं
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